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  • रेसिपी: बची हुई दाल का चीला

    अक्सर, घर में दाल बच जाती है और हम उसे खत्म करने के लिए सोच में पड़ जाते हैं| कुछ लोग इस दाल को आटे में मिला कर इससे नरम और पौष्टिक पराठे या चपाती बना लेते हैं| लेकिन क्या आप जानते हैं इस दाल का पौष्टिक और स्वादिष्ट नाश्ता बनाने के लिए उपयोग कैसे करें? यहाँ, हमने पौष्टिक चीला बनाने के लिए अनाज (जई और रागी) के साथ बची हुई मूंग दाल का उपयोग किया है । आप यह रेसिपी अन्य दाल या अनाज के साथ भी आज़मा सकते हैं। क्या आप जानते हैं? अनाज और दाल का मिश्रण आपके समग्र प्रोटीन सेवन को बढ़ाता है। प्रोटीन अमीनो एसिड के जोड़ से बनता है। दालों में एक अमीनो एसिड (मेथियोनीन) की कमी होती है, लेकिन दालें एक अन्य अमीनो एसिड (लाइसिन) में समृद्ध होतीं है| जबकि अनाज में उच्च मात्रा में मेथियोनीन और कम मात्रा में लाइसिन होता है। इस प्रकार, दाल और अनाज के मिश्रण से शरीर को आवश्यक प्रोटीन होता है। यहाँ, हम दो प्रकार के चीले तैयार करते हैं : जई दाल चीला और रागी दाल चीला । सामग्री: चीले के घोल के लिए: ½ कटोरी जई (ओट्स) (जई दाल चीला के लिए) या ½ कटोरी रागी का आटा (रागी दाल चीला के लिए) (टिप्पणी: आप कोई और आटा जैसे गेहूं का आटा या बेसन भी ले सकते हैं|) ½ कटोरी सूजी ½ कटोरी दाल ½ कटोरी दही ¾ कप पानी ½ इंच अदरक 1 हरी मिर्च ½ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर 1 छोटा चम्मच नमक 1 छोटा चम्मच जीरा 1 छोटा चम्मच सौंफ (वैकल्पिक) 4-6 छोटा तेल/घी भरवां मिश्रण के लिए: 100 ग्राम पनीर 1 मध्यम आकार का प्याज 1 मध्यम आकार का टमाटर 1 हरी मिर्च ½ इंच अदरक 1 छोटा चम्मच नमक (स्वादानुसार) ¼ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर ½ छोटा चम्मच चाट मसाला 1 छोटा चम्मच भुने हुए तिल के बीज (वैकल्पिक) सजावट के लिए: मुट्ठी भर धनिया पत्ती भुने हुए तिल के बीज मात्रा: 6 मध्यम चीले पोषक मूल्य (प्रति सर्विंग): जई दाल चीला: ऊर्जा: 184 किलो कैलोरी प्रोटीन: 10 ग्राम कार्बोहाइड्रेट: 27 ग्राम वसा: 4 ग्राम फाइबर: 4 ग्राम रागी दाल चीला: ऊर्जा: 179 किलो कैलोरी प्रोटीन: 9 ग्राम कार्बोहाइड्रेट: 27 ग्राम वसा: 4 ग्राम फाइबर: 5 ग्राम बनाने की विधि: जई पाउडर बनाने की विधि (जई दाल चीला के लिए): जई को हल्के भूरे रंग का होने तक सूखा भून लें। इन भुने हुए जई को 10-15 मिनट के लिए ठंडा होने दें। जब ये ठंडे हो जाएं तो इन्हें बारीक पीसकर पाउडर बना लें। चीले का घोल तैयार करने की विधि: एक कटोरे में जई पाउडर (जई दाल चीले के लिए) या रागी का आटा (रागी दाल चीले के लिए), सूजी, दाल और दही मिलाएं। इस मिश्रण में थोडा़ सा पानी डालें ताकि गाँठें न रहें और हमें मध्यम स्थिरता का घोल मिल जाए| इस घोल को 20 मिनट के लिए रख दें| अब घोल में बारीक कटा हुआ अदरक, हरी मिर्च , सौंफ, जीरा, लाल मिर्च पाउडर और नमक डालें| घोल में धीरे-धीरे पानी डालें और तब तक चलाते रहें जब तक कि यह एक गाढ़ा घोल न बन जाए। भरवां मिश्रण बनाने की विधि: प्याज, टमाटर, हरी मिर्च और हरा धनिया को बारीक काट लें। पनीर और अदरक को बारीक पीस लें। एक कटोरे में प्याज़, टमाटर, पनीर, हरी मिर्च, अदरक और हरा धनिया डालें। इस मिश्रण में लाल मिर्च पाउडर, नमक, चाट मसाला और भुने हुए तिल के बीज डालें। सब कुछ एक साथ मिलाएं। चीला बनाने की विधि : मध्यम आंच पर एक तवा गरम करें। गरम होने के बाद इस तवे को तेल की कुछ बूंदों से चिकना कर लें। अब एक कलछी घोल तवे पर डालें| घोल को कलछी के पिछले हिस्से से धीरे से फैलाएं। इस घोल को हल्का और धीरे से फैलाएं ताकि चीला टूट न जाए। अब धीमी आंच पर चीले को पकाएं। चीले के चारों ओर ½ से 1 छोटा चम्मच तेल छिड़कें । चीले के निचले हिस्से में एक पलटा घुमाएँ ताकि नीचे का हिस्सा तवे में चिपक न जाए। चीले के निचले हिस्से को हल्का सुनहरा होने तक पकाते रहें। अब एक चम्मच भरवां मिश्रण लें और इसे धीरे से चीले के आधे हिस्से पर फैलाएं । चीले के दूसरे आधे हिस्से को पलट दें ताकि यह एक अर्धवृत्त जैसा दिखे। इसे कुछ सेकंड के लिए पकने दें, और फिर इस अर्धवृत्त को दूसरी तरफ पकाने के लिए दूसरी तरफ पलट दें। इसे कुरकुरा होने के लिए कुछ सेकंड तक पकने दें। जब चीला कड़क हो जाये, उसे प्लेट में निकाल लें। इसे आप धनिया पत्ती और भुने हुए तिल के बीज से सजा सकते हैं। चीले को पुदीने की चटनी या इमली की चटनी के साथपरोसें। रेसिपी की वीडियो इस रेसिपी की एक वीडियो यहाँ देखें: अपने खाने को जानें रागी रागीएक मोटा अनाज (मिलेट) है, जो वृहद पोषक तत्व (मैक्रो नुट्रिएंट), जैसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, वसा और प्रोटीन, और सूक्ष्म पोषक तत्त्व (माइक्रो नुट्रिएंट), जैसे विटामिन और खनिज, से भरपूर है। यह एक ग्लूटेन-मुक्त अनाज है, जिसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं| रागीकैल्शियम का एक समृद्ध स्रोत है जो स्वस्थ हड्डियों और दांतों के लिए आवश्यक है। रागी में बराबर मात्रा के दूध से भी तीन गुना ज़्यादा कैल्शियम होता है| इसके अलावा, रागीमें रोग प्रतिरोधक शक्ति (इम्युनिटी) बढ़ाने और त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए काफी मात्रा में विटामिन सी और ई होता है। जई (ओट्स) जई एक ग्लूटेन-मुक्त साबुत अनाज है, जो कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरपूर होने के साथ, प्रोटीन और वसा भी कई अन्य अनाजों से अधिक मात्रा में देता है। यह कई विटामिन और खनिजों में उच्च हैं, और कई शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का स्रोत है। जई में बीटा- ग्लुकन फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिसके कई फायदे हैं। यह कोलेस्ट्रॉल और खून में शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है, स्वस्थ आंत बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और परिपूर्णता की भावना को बढ़ाता है, इसलिए वजन घटाने में मदद करता है। दाल दालें पौधे-आधारित प्रोटीन और फाइबर का एक बड़ा स्रोत हैं । वास्तव में, दालें 25%-30% से अधिक प्रोटीन से बनी होती हैं, जो उन्हें शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत बनाती हैं। वे बी विटामिन, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जस्ता का भी अच्छा स्रोत हैं। तिल के बीज तिल के बीज स्वस्थ वसा, प्रोटीन, बी विटामिन, खनिज, फाइबर और विभिन्न एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। वे मैग्नीशियम में उच्च हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। टिल के बीज कैल्शियम का एक बहुत अच्छा स्रोत हैं, दो स्वस्थ हड्डियों और दांत के लिए लाभकारी है।

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